
अक्षय कुमार और रितेश देशमुख की जोड़ी ने बीते सालों में ‘हाउसफुल’ फ्रेंचाइज़ी को हिट बनाया। हर पार्ट में कुछ न कुछ नया और पागलपन भरा कॉमेडी मसाला होता था। लेकिन अब जब ‘हाउसफुल 5’ सिनेमाघरों में आई है, तो उम्मीदें ज़रूर थीं कि यह फिल्म अपने पूर्ववर्तियों की तरह हंसी का तूफान लेकर आएगी। मगर अफसोस, इस बार ‘हाउसफुल 5’ न तो कहानी में नयापन ला पाई और न ही कॉमिक पंचों में जान डाल सकी।
फिल्म का प्लॉट: एक ‘किलर’ कॉमेडी या कन्फ्यूजन?
‘हाउसफुल 5’ की कहानी एक रॉयल परिवार, उसकी विरासत और उससे जुड़े रहस्यमय पात्रों के इर्द-गिर्द घूमती है। एक क्रूज़ ट्रिप, अतीत की घटनाएं, और एक हत्या की गुत्थी – सबकुछ एक साथ परोसा गया है। पर जिस कॉमेडी और मस्ती की अपेक्षा ‘हाउसफुल’ नाम से होती है, वह यहां नदारद लगती है। शुरुआत में फिल्म थोड़ा एंटरटेन करती है, लेकिन धीरे-धीरे प्लॉट इतना उलझ जाता है कि दर्शकों का ध्यान भटकने लगता है।
कलाकारों का प्रदर्शन: अक्षय-रितेश की जोड़ी ने थोड़ी इज्जत बचाई
अक्षय कुमार की कॉमिक टाइमिंग हमेशा की तरह जबरदस्त है। डायलॉग डिलीवरी और शारीरिक हाव-भाव से वह कई जगह दर्शकों को हंसा भी देते हैं, लेकिन स्क्रिप्ट की कमज़ोरी उनके टैलेंट को ढक देती है।
रितेश देशमुख, जिन्होंने फ्रेंचाइज़ी की हर फिल्म में कमाल किया है, इस बार भी अपने किरदार में सहज नजर आए। वह फिल्म का मजबूत स्तंभ हैं, लेकिन उन्हें भी मज़बूत डायलॉग्स नहीं मिल पाए।
फिल्म में कृति सेनन, पूजा हेगड़े, जैकलीन फर्नांडिस और अभिषेक बच्चन जैसे बड़े नाम भी हैं, लेकिन स्क्रिप्ट के चलते उनका किरदार सीमित और अधूरा सा लगता है। नाना पाटेकर की एंट्री फिल्म के अंतिम भाग में होती है, और वह थोड़ी राहत लेकर आते हैं।
निर्देशन और तकनीकी पक्ष
फिल्म का निर्देशन भव्य है लेकिन सतही। भारी-भरकम सेट्स, रंगीन लोकेशंस और VFX का पूरा इस्तेमाल किया गया है, मगर जब कहानी ही कमजोर हो तो तकनीकी चमक भी फिल्म को नहीं बचा सकती।
म्यूजिक की बात करें तो ‘हाउसफुल’ फिल्मों का म्यूजिक हमेशा से पॉपुलर रहा है, लेकिन इस बार कोई भी गाना ऐसा नहीं जो सिनेमाघर से बाहर निकलने पर जुबां पर चढ़ जाए।
फिल्म लगभग 2 घंटे 40 मिनट की है, और यह लंबाई दर्शकों को थकाने लगती है। कई दृश्य बिना मतलब के खींचे गए हैं, जिनकी एडिटिंग बेहतर हो सकती थी।
क्या देखें, क्या छोड़ें?
क्या अच्छा है: अक्षय और रितेश की जोड़ी, कुछ अच्छे कॉमिक मोमेंट्स, लोकेशन और विज़ुअल अपील
क्या निराश करता है: कमजोर कहानी और पटकथा, फीका हास्य और ओवरएक्टिंग, स्क्रिप्ट में गहराई और ताजगी की कमी
हाउसफुल नाम, लेकिन हंसी आधी-अधूरी
‘हाउसफुल 5’ भले ही बड़े बजट और बड़े कलाकारों से सजी हो, लेकिन फिल्म में वो आत्मा नहीं है जो दर्शकों को जुड़ाव दे सके। दर्शक हंसना चाहते हैं, लेकिन फिल्म उन्हें मौका नहीं देती। अगर आप फ्रेंचाइज़ी के फैन हैं और बस पुरानी यादों के सहारे फिल्म देखना चाहते हैं, तो एक बार देख सकते हैं। वरना इससे बेहतर कॉमेडी की तलाश कीजिए।