
भारत एक कृषि प्रधान देश है, जहां आज भी बड़ी आबादी खेती पर निर्भर है। लेकिन आज के समय में खेती में बढ़ती लागत, श्रमिकों की कमी और पारंपरिक साधनों के कारण किसान अनेक समस्याओं का सामना कर रहे हैं। ऐसे में केंद्र सरकार ने किसानों को राहत देने के उद्देश्य से “प्रधानमंत्री कृषि यंत्र सब्सिडी योजना 2025” की शुरुआत की है। यह योजना न केवल किसानों को आर्थिक सहायता देती है, बल्कि उन्हें आधुनिक यंत्रों के माध्यम से खेती को आसान, सुलभ और लाभकारी बनाने की दिशा में भी मार्ग प्रशस्त करती है।
इस योजना का सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह है कि सरकार किसानों को खेती के जरूरी यंत्रों जैसे ट्रैक्टर, थ्रेशर, पावर टिलर, रीपर, रोटावेटर, मल्टीक्रॉप थ्रेशर आदि की खरीद पर 40% से लेकर 80% तक की आर्थिक सहायता प्रदान करती है। यह सहायता विशेष रूप से उन किसानों को लक्षित करती है जो छोटे और सीमांत हैं, या जो युवा हैं और खेती में नई शुरुआत करना चाहते हैं।
योजना का मूल उद्देश्य आधुनिक कृषि उपकरणों की उपलब्धता को बढ़ाना है जिससे किसान कम समय में अधिक और बेहतर उत्पादन कर सकें। इससे उनकी लागत में कमी आती है और मुनाफा बढ़ता है। साथ ही, यह योजना ग्रामीण युवाओं को खेती की ओर आकर्षित करने के लिए भी एक बड़ी पहल मानी जा रही है, जो आज के समय में बेहद आवश्यक है।
प्रधानमंत्री कृषि यंत्र योजना 2025 के अंतर्गत किसान अगर ट्रैक्टर खरीदना चाहते हैं तो उन्हें लगभग 1.5 लाख से 2 लाख रुपये तक की सब्सिडी मिल सकती है। वहीं अन्य छोटे यंत्रों के लिए यह राशि 40% से लेकर 80% तक की सब्सिडी के रूप में दी जाती है। अनुसूचित जाति, जनजाति और महिलाओं को विशेष प्राथमिकता दी जाती है और उन्हें उच्च दर से सब्सिडी प्रदान की जाती है।
इस योजना का लाभ लेने के लिए किसान को सबसे पहले https://agrimachinery.nic.in वेबसाइट पर जाकर रजिस्ट्रेशन करना होता है। इसके बाद किसान को अपना आधार कार्ड, भूमि संबंधी दस्तावेज, पासपोर्ट साइज फोटो, बैंक पासबुक, जाति प्रमाण पत्र (यदि लागू हो) और अन्य आवश्यक कागजात अपलोड करने होते हैं। रजिस्ट्रेशन के बाद आवेदन की स्थिति की निगरानी भी किसान स्वयं पोर्टल पर कर सकते हैं।
इसके अलावा योजना का संचालन राज्यों के कृषि विभागों के माध्यम से किया जाता है। राज्य सरकारें अपने यहां योजना के अंतर्गत चयनित किसानों को कृषि यंत्र वितरित करती हैं। कुछ राज्यों में ऑनलाइन पोर्टल जैसे मध्य प्रदेश का ‘mpfarmportal’, उत्तर प्रदेश का ‘upagriculture’, बिहार का ‘dbtagriculture’ पोर्टल आदि के माध्यम से यह प्रक्रिया संचालित की जाती है।
इस योजना से लाखों किसानों को अब तक लाभ मिल चुका है। उदाहरण के तौर पर राजस्थान के सीकर जिले के एक युवा किसान ने इस योजना के तहत 50% सब्सिडी पर ट्रैक्टर खरीदा और 2 वर्षों में अपनी उपज दोगुनी कर ली। इसी तरह महाराष्ट्र में कई महिला किसानों ने योजना के जरिए पावर टिलर लेकर सफलतापूर्वक खेती शुरू की है।
अगर बात करें योजना के प्रभाव की, तो यह न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करती है, बल्कि इससे देश में कृषि आधारित रोजगार और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलती है। जब किसान आधुनिक यंत्रों का उपयोग करते हैं तो खेती में लगने वाला समय घटता है, कार्य कुशलता बढ़ती है और उत्पाद की गुणवत्ता भी बेहतर होती है। इससे वे बड़ी मंडियों में अच्छी कीमत पर अपनी उपज बेच सकते हैं।
एक और महत्वपूर्ण पहलू यह है कि इस योजना के तहत प्रशिक्षण और तकनीकी जानकारी भी किसानों को दी जाती है ताकि वे नई मशीनों का सही तरीके से उपयोग कर सकें। कृषि विज्ञान केंद्रों और राज्य के तकनीकी संस्थानों के माध्यम से किसानों को प्रशिक्षित किया जाता है, जिससे वे आत्मनिर्भर बनें और भविष्य में भी नई तकनीकें अपनाने में सक्षम हों।
प्रधानमंत्री कृषि यंत्र सब्सिडी योजना 2025 का यह स्वरूप केवल एक योजना नहीं बल्कि किसानों के आत्मविश्वास, सम्मान और भविष्य को सशक्त बनाने का माध्यम है। यह योजना आने वाले वर्षों में भारत की कृषि प्रणाली में बड़ा परिवर्तन ला सकती है, बशर्ते इसका कार्यान्वयन समय पर और पारदर्शी तरीके से किया जाए।
यदि आप एक किसान हैं और आप खेती में ट्रैक्टर या कोई आधुनिक यंत्र लेना चाहते हैं तो यह योजना आपके लिए सुनहरा अवसर है। समय रहते आवेदन करें और अपने खेत को आधुनिक बनाएं। अधिक जानकारी के लिए अपने जिले के कृषि कार्यालय से संपर्क करें या सीधे agrimachinery.nic.in वेबसाइट पर जाएं।