
भारत और इंग्लैंड के बीच आगामी पांच टेस्ट मैचों की सीरीज़ से पहले भारतीय तेज़ गेंदबाज़ जसप्रीत बुमराह एक बार फिर सुर्खियों में हैं। जहां एक तरफ भारत को विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे दिग्गजों की कमी खलेगी, वहीं दूसरी ओर बुमराह की फिटनेस और “वर्कलोड मैनेजमेंट” को लेकर टीम मैनेजमेंट सतर्क नजर आ रहा है।
मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर ने संकेत दिया है कि बुमराह पूरे पांचों टेस्ट मैच नहीं खेल सकते, और इसी मुद्दे पर पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज़ गौतम गंभीर और एनसीए के पूर्व फिजियो आशीष कौशिक ने एक महत्वपूर्ण चेतावनी दी है – “जितना ज़रूरी ज़्यादा बॉलिंग नहीं करना है, उतना ही खतरनाक है कम बॉलिंग करना भी!”

जसप्रीत बुमराह – भारत की तेज़ गेंदबाज़ी की रीढ़
जसप्रीत बुमराह पिछले कुछ वर्षों से भारत के सर्वश्रेष्ठ टेस्ट गेंदबाज़ों में शामिल हैं। लेकिन ऑस्ट्रेलिया सीरीज़ के दौरान हुई पीठ की चोट के बाद से उनके करियर को लेकर चिंताएं बढ़ी हैं।
बुमराह ने हाल ही में कुछ बेहतरीन प्रदर्शन किए हैं, लेकिन लंबे फॉर्मेट की चुनौती और लगातार मैचों का बोझ उनके शरीर के लिए जोखिम भरा हो सकता है।
क्या कहा अजीत अगरकर ने?
चयन समिति के प्रमुख अजीत अगरकर ने प्रेस को बताया:
“हम चाहते हैं कि बुमराह सीरीज़ में खेलें, लेकिन यह जरूरी नहीं है कि वह सभी पांच मैच खेलें। हमें उनके वर्कलोड को संतुलित करना होगा ताकि वह भविष्य में भी उपलब्ध रहें।”
गौतम गंभीर और आशीष कौशिक की चेतावनी – “Under Bowl” का खतरा
पूर्व फिजियो आशीष कौशिक ने SportsBoom.com को बताया कि:
“जितना नुकसान ज्यादा बॉलिंग करने से होता है, उतना ही कम बॉलिंग करने से भी हो सकता है। शरीर को लगातार कंडीशनिंग और फील्ड टाइम की जरूरत होती है ताकि वह स्पेल दर स्पेल वही प्रदर्शन कर सके।”
उन्होंने यह भी कहा कि:
“सिर्फ बॉलिंग नहीं, बल्कि ट्रेनिंग, फील्डिंग, स्ट्रेंथ वर्क और कंडीशनिंग – इन सभी चीजों को मिलाकर वर्कलोड को मैनेज किया जाना चाहिए। इसमें अचानक गिरावट या उछाल दोनों ही खतरनाक हैं।”
इस चेतावनी को गंभीरता से लेते हुए BCCI ने बुमराह के लिए एक खास ट्रेनिंग और स्पेल टाइम टेबल तैयार किया है।

अर्शदीप सिंह की वापसी – नई उम्मीद
इस बीच, अर्शदीप सिंह की भी चर्चा जोरों पर है। बाएं हाथ के इस तेज़ गेंदबाज़ को इंग्लैंड दौरे के लिए टेस्ट स्क्वाड में शामिल किया गया है और वह अपने टेस्ट डेब्यू की उम्मीद लगाए बैठे हैं।
अर्शदीप फिलहाल Kent County Cricket Ground में इंडिया ए के खिलाफ चार दिवसीय टूर मैच की तैयारी में लगे हैं। उन्होंने IPL 2025 में पंजाब किंग्स के लिए शानदार प्रदर्शन किया था और अब रेड बॉल क्रिकेट में अपने कौशल को आज़माना चाहते हैं।
उनका कहना है:
“लंबे समय बाद रेड बॉल से गेंदबाज़ी करके बहुत अच्छा लगा। शुरुआत में बस लय महसूस करना मेरा मकसद था। जैसे-जैसे हम आगे बढ़ेंगे, इंटेंसिटी भी बढ़ेगी।”
क्या बुमराह को सीमित करना सही है?
✔️ फायदे:
- चोट से बचाव
- लंबा करियर
- प्रमुख सीरीज़ के लिए ताजगी बनाए रखना
❌ नुकसान:
- लय टूटने का खतरा
- सीमित खेल समय से प्रदर्शन में गिरावट
- “Under Bowl” से शरीर तैयार नहीं हो पाता
क्या बुमराह को पूरी सीरीज़ में उतारना चाहिए?
इस बात में कोई दो राय नहीं कि बुमराह भारत के सबसे अहम मैच विनर हैं, खासकर इंग्लैंड जैसी टीम के खिलाफ। लेकिन उनकी फिटनेस और लय के बीच संतुलन बनाए रखना सबसे बड़ी चुनौती है।
गंभीर और कौशिक की चेतावनी को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। बुमराह को हर टेस्ट में उतारने से बेहतर है, उन्हें स्ट्रेटेजिक ब्रेक दिया जाए – ताकि वो जब भी गेंदबाज़ी करें, 100% दे सकें।